देश
34 वर्षों बाद देश में शिक्षा सुधारों को मिली मंजूरी, होंगे ये बड़े बदलाव

लखनऊ। आखिरकार 34 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति आई है। बुधवार शाम को नरेन्द्र मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मुहर लगी। इसके साथ ही मोदी सरकार ने देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव का मंजूरी दे दी है। कबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस में दी।

अब शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार करने में दुनिया की सबसे बड़ी और उच्च कोटि की परामर्श प्रक्रिया अपनाई गयी। पूरा देश इसका स्वाग करेगा। मैं देश के 1000 से अधिक विश्वविद्यालयों, एक करोड़ से अधिक शिक्षकों और 33 करोड़ छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं। जावड़ेकर ने बताया कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य देश के एजूकेशन सिस्टम को पूरी तरह बदलना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। अब उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक संस्था (रेगुलेटरी बाॅडी) होगी।
नई शिक्षा नीति के अहम बदलाव
- नई शिक्षा नीति में कला, संगीत, खेल, योग, शिल्प और सामुदायिक सेवा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। अभी तक यह सहायक पाठ्यक्रम या अतिरिक्त पाठ्यक्रम के अंतर्गत आते थे।
- नई नीति में सबसे बड़ा बदलाव स्कूली शिक्षा में किया गया है। अब कृषि, कानून, चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा जैसे व्यावसायिक विषयों को स्कूली व उच्च शिक्षा के दायरे में लाया जाएगा।
- नई नीति में एमफिल कोर्सेस को खत्म करते हुए 4 साल का डिग्री प्रोग्राम फिर एमए और उसके बाद बिना एमफिल के सीधा पीएचडी कर सकेंगे।
- समिति ने पहली व दूसरी कक्षा में भाषा व गणित पर ज्यादा काम करने की सिफारिश की है। चौथी व पांचवीं कक्षा के बच्चों का लेखन कौशल सुधारने पर फोकस होगा। 6वीं कक्षा के बाद ही वोकेशनल एजूकेशन की शुरूआत होगी।
- 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को दो भागों में बांटा गया है। अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं होंगी।
केन्द्र ने विशेषज्ञों की बनाई थीं दो समितियां
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार ने दो समितियां बनाई थीं। विशेषज्ञों की एक समिति इसरो के पूर्व चीफ कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित की गयी थी। जबकि दूसरी समिति टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में गठित की गयी थी। 1 मई को पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति की समीक्षा की थी।
हिन्दी लागू करने को लेकर चिंता
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि समिति ने कुछ राज्यों में हिन्दी को लागू करने को लेकर चिंता जाहिर की है। जिस पर एचआरडी मंत्रालय ने समस्याएं दूर करने का भरोसा दिया है। कुछ राज्यों में हिंदी को लागू किए जाने को लेकर चिंता है, लेकिन एचआरडी मंत्रालय ने इसे दूर करने का भरोसा दिया है।
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य
बता दें कि प्रस्तावित शिक्षा सुधारों की समीक्षा के बाद केन्द्र सरकार ने कहा था, हमारा लक्ष्य सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रारंभिक शिक्षा में सुधार लाना है। एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लाया जाएगा। जिसका प्रमुख उद्देश्य कई भाषाओं के साथ ही 21वीं सदी के अनुसार कुशलता, खेल और कला आदि का समावेश करना है।
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बता दें कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था 1986 में तैयार की गयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित है। 1992 में इसमें कुछ संशोधन किया गया था। 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने नई शिक्षा नीति को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। http://www.satyodaya.com
क्राइम-कांड
6 साल की मासूम को जिंदा जलाया, फिर बोरी से ढक दी अधजली लाश, फैली सनसनी

चंडीगढ़। पंजाब के होशियारपुर जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जिले के गांव टांडा के जलालपुर में देर शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई। जब एक 6 साल की मासूम बच्ची को जिंदा जला देने का मामला सामने आया। उसकी अधजली लाश को बोरी से ढक दिया गया। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही टांडा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची के शव को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस के मुताबिक, इसका पता लगाया जा रहा है। कि मासूम की हत्या से पहले उसके साथ रेप तो नहीं किया गया। फिलहाल बच्ची के अधजले शव को पोस्मार्टम के लिए अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया है। बता दें किं इस घटना के बारे में उस समय पता चला जब गांव जलालपुर में बड़ी संख्या में इकठ्ठे हुए लोगों ने टांडा पुलिस को घटना के बारे में सूचित किया। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लड़की के बारे में छानबीन करनी शुरू की।
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दोपहर से लापता थी बच्ची
जानकारी के मुताबिक 6 साल की बच्ची के पिता का नाम राहुल है जो सुजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति का ड्राइवर है। बच्ची की मां के मुताबिक, उसकी लड़की दोपहर से ही गायब थी। लड़की की तलाश करने पर पता चला कि सुरजीत सिंह का बेटा उनकी बच्ची को अपने साथ ले गया है। इसके बाद जब सुरजीत सिंह की हवेली में जाकर देखा गया तो बोरी के साथ लड़की की अधजली लाश पड़ी हुई थी।
बता दें कि टांडा पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे मै ले लिया है और पुलिस जांच में जुट गई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच की बात कर रही है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और जल्द ही सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। पुलिस की मानें तो जल्द ही आरोपी उनकी गिरफ्त में होगा।http://satyodaya.com
देश
राजस्थान: जयपुर में ऑटोमोबाइल कंपनी के गोदाम में लगी भीषण आग

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के आमेर में कूकस स्थित एक ऑटोमोबाइल कंपनी के गोदाम में बुधवार को आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि उस पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग की करीब 20 गाड़ियां ने अपना पूरा दमखम लगा दिया। लेकिन घटना के कई घंटे बाद भी आग को पूरी तरह से नहीं बुझाया जा सका है। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है और पुलिस ने आसपास के इलाकों को अलर्ट कर दिया है। बता दें कि पहले इस फैक्ट्री में एस्सार कंपनी के ट्रैक्टर बना करते थे। लेकिन अब इसमें रॉयल इन्फील्ड समेत कुछ कंपनियों के वेयरहाउस बने हुए हैं।
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फायर अफसर घनश्याम के अनुसार, जयपुर-दिल्ली हाईवे पर कूकस इंडस्ट्रीयल एरिया में आयशर कंपनी का यार्ड (गोदाम) है। जबकि यहां आयशर कंपनी के चारपहिया वाहनों के अलावा सैकड़ों की संख्या में रॉयल इन्फील्ड कंपनी की बाइक काफी बड़े हिस्से में खड़ी रहती हैं। वहीं, एक बड़े परिसर में पेंट हाउस बना हुआ था। जहां गाड़ियां तैयार की जाती हैं। इसके अलावा गाड़ियों के पुर्जे भी बनाए जाते हैं। इसके अलावा जब आग की सूचना पर मीडिया पहुंची तो उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि फैक्ट्री प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन आखिर क्या छुपाने की कोशिश कर रहा है।
पेट्रोल पंप बचा
सूचना मिलने पर एडिशनल डीसीपी सुमित गुप्ता और आमेर के एसीपी सौरभ तिवाड़ी पुलिस दल के मौके पर पहुंचे। जबकि सहायक फायर अफसर देवेंद्र व फायर अफसर घनश्याम की अगुआई में करीब 20 से ज्यादा दमकलकर्मियों और सिविल डिफेंस की टीम ने आग पर काबू पाने के लिए बचाव कार्य शुरू किया। जबकि आसपास के लोगों का कहना था कि इस गोदाम के समीप ही एक पेट्रोल पंप भी था। गनीमत रही कि पेट्रोल पंप तक आग की लपटें नहीं पहुंची, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।http://satyodaya.com
देश
उपचुनाव से ठीक पहले सिंधिया खेमे के दो मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, CM ने दी मंजूरी

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के लिए उपचुनाव में मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ कई क्षेत्रीय दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में यहां से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां बिना विधायक बने छह महीने होने पर मध्य प्रदेश के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने दोनों नेताओं के इस्तीफे स्वीकारते हुए राजभवन भेज दिए। बता दें कि दोनों ही नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुये थे। साथ ही इस बार के उपचुनाव भी लड़ रहे हैं।
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दरअसल, संवैधानिक प्रावधान है कि कोई भी मंत्री सदन का सदस्य बने बिना 6 महीने से ज्यादा समय तक मंत्रीपद पर बने नहीं रह सकता है। ऐसे में इसी प्रक्रिया के चलते दोनों नेताओं को इस्तीफ़ा देना पड़ा।
उपचुनाव की बात करें तो सांवेर विधानसभा उपचुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी के तुलसीराम सिलावट और कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू के बीच है। हाल ही में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने नामांकन भरा तो वहीं, अगले दिन गुरुवार को प्रेमचंद गुड्डू ने नामांकन दाखिल किया। दोनों ने ही नामांकन के साथ अपनी आय का शपथ पत्र भी दिया है। सांवेर से चार बार विधायक रहे मध्यप्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने अबकी बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।http://satyodaya.com