देश
‘अगर ऐसा हुआ’ तो नीतीश कुमार बनेंगे देश के प्रधानमंत्री? बढ़ सकती हैं भाजपा की मुश्किलें…!!

फाइल फोटो
अपने रणनीतियों से नरेंद्र मोदी को पीएम तथा नीतीश कुमार को बिहार का सीएम बनाने का श्रेय पाने वाले प्रशांत किशर ने बीते मंगलवार मुंबई में शिवसेना के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अहम मुद्दों पर शिवसेना का ध्यान खींचा तथा इन सब पर गहरी चर्चा की।
एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार प्रशांत किशोर ने पहले तो लोकसभा चुनावों के लिए शिव सेना की चुनावी रणनीति संभालने के बावत बात की, इसके बाद उन्होंने शिवा सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से इस बात पर भी चर्चा की कि वो हर हाल में एनडीए में बने रहें। प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके, उन्होंने इन चर्चाओं के बीच अपनी पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने का पूरा प्लान भी शिवसेना के नेताओं को समझाया। शिव सेना के सूत्रों के मुताबिक अगर आगामी लोकसभा चुनाव के परिणाम त्रिशंकु रहते हैं तब किशोर ने नीतीश कुमार को पीएम बनाने का फार्मूला उद्धव ठाकरे से साझा किया है।
अखबार के मुताबिक प्रशांत किशोर ने शिव सेना की बैठक में आगामी चुनावों के बाद की परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए कहा कि अगर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तब नीतीश कुमार जैसे चेहरे को आगे कर उन गैर एनडीए क्षेत्रीय दलों से समर्थन लिया जा सकता है जो गैर कांग्रेसी सरकार चाहते हैं। किशोर के मुताबिक ऐसे दलों के 100 सांसद जीत कर आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक किशोर ने वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति, बीजू जनता दल और एआईएडीएमके को ऐसे क्षेत्रीय दलों में शामिल किया जो जरूरत पड़ने पर नीतीश कुमार को पीएम के रूप में समर्थन दे सकते हैं। बता दें कि पिछले साल राज्य सभा के उप सभापति के चुनाव में भी नीतीश की पार्टी के उम्मीदवार को बीजू जनता दल ने समर्थन दिया था।
उद्धव ठाकरे के अलावा प्रशांत किशोर ने उनके बेटे आदित्य ठाकरे और पार्टी सांसद संजय राउत से भी मुलाकात की। जब इस बारे में संजय राउत से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि किशोर ने आगामी लोकसभा चुनाव में शिव सेना के लिए इलेक्शन कैम्पेनिंग से जुड़े काम का ऑफर दिया। इसके अलावा किशोर ने आगामी चुनाव परिणाम और आगे की राजनीतिक संभावनाओं और सरकार बनने की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
गौरतलब है कि किशोर की टीम आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के लिए भी काम कर रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने भाजपा के साथ काम किया था, कहा तो यहां तक गया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने का श्रेय भी प्रशांत किशोर को ही जाता है। उन्हें नरेंद्र मोदी के साथ चाय पे चर्चा अभियान की शुरुआत करने का भी श्रेय दिया जाता है। अब देखना ये है कि अपने पाले में इतनी उपलब्धियां समेटने वाले प्रशांत किशोर की बातों का शिवसेना पर क्या असर होता है। http://www.satyodaya.com
देश
आतंकियों के खात्मे के लिए पूरी ताकत से अभियान चला रहे हैं सुरक्षा बलों के जवान: राजनाथ

नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पिछले सप्ताह हुए आतंकवादी हमले के बाद पुलवामा में आज फिर आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है और वे पूरी ताकत के साथ आतंकवादियों का खात्मा करने के लिए अभियान चला रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार तड़के सुरक्षा बलों ने घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के एक कमांडर सहित दो आतंकदियों को ढेर कर दिया। मुठभेड़ में सेना के एक मेजर समेत चार जवान शहीद हो गये और एक नागरिक की भी मौत हो गयी।
गृहमंत्री से यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं ने जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है और वे आतंकवादियों का खात्मा करने के लिए अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को सफलता मिल रही है।
गत गुरूवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती आतंकवादी ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के काफिले की एक बस में विस्फोटकों से भरी कार से टक्कर मार दी थी। इस हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे और चार अन्य घायल हो गये थे।
इससे पहले गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस के साइबर अपराध जागरूकता एवं अनुसंधान केन्द्र तथा नेशनल साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि लोगों में साइबर अपराध के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से साइबर अपराध की चुनौती से भलीभांति निपट सकते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि स्मार्ट फोन के जरिये देश की बहुत बड़ी आबादी तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है। इससे जहां अवसर बढे़ हैं वहीं नयी चुनौतियां भी पैदा हुई हैं। http://www.satyodaya.com
अंतरराष्ट्रीय
भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत से की जाधव को रिहा करने की मांग, कहा- मनगढ़ंत आरोप लगा रहा पाकिस्तान

फ़ाइल फोटो: कुलभूषण जाधव
नई दिल्ली/हेग। भारत ने नीदरलैंड स्थित एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से आग्रह किया है कि वह पाकिस्तान में भारत के नागरिक कुलभूषण जाधव की हिरासत को गैरकानूनी घोषित करे और उसे तत्काल रिहा करने का आदेश जारी करे। भारत ने पाकिस्तान के सैनिक न्यायालय में चले मुकदमे को अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन बताते हुए कहा कि जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार और मनगढ़ंत हैं। आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है तथा पाकिस्तान पूरे मामले का उपयोग दुष्प्रचार करने के लिए कर रहा है।
हेग न्यायालय में जाधव की गिरफ्तारी को लेकर चल रही सुनवाई में भारत का पक्ष रखते हुए जाने-माने अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों को जाधव से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। यह भी वियना संधि का उल्लंघन है। साल्वे ने कहा कि पड़ोसी देश जाधव पर चले मुकदमे के फैसले तथा उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को भारत के साथ साझा नहीं कर रहा है। पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि पाकिस्तान सच्चाई से मुकर रहा है और दुष्प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है।
साल्वे ने कहा कि राजनयिक भेंट की सुविधा के बिना जाधव को हिरासत में रखना गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए। साल्वे ने कहा कि 30 मार्च,2016 से ही भारत पाकिस्तान से मांग कर रहा है कि भारतीय राजनयिकों को जाधव से मिलने की अनुमति दी जाए। पाकिस्तान ने इस आग्रह और बाद में भेजे गए 13 रिमाइंडरों पर कोई कार्रवाई नहीं की। 19 जून 2017 को भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान के पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं जिससे पता चले की जाधव किसी आतंकी कार्रवाई में शामिल था।
पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के जिस तथाकथित इकबालिया बयान का उल्लेख कर रहा है वह मनगढ़ंत है। साल्वे ने कहा कि 25 दिसंबर 2017 को पाकिस्तान में जाधव के परिवारवालों को उससे मिलने की अनुमति दी गई थी। यह मुलाकात जिन परिस्थितियों में हुई वह बहुत अनुचित और क्षोभ का विषय था। भारत ने इस संबंध में पाकिस्तान से विरोध भी व्यक्त किया था। साल्वे ने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति तीन साल से यातना झेल रहा है। साल्वे ने राजनयिक भेंट की सुविधा नहीं दिए जाने के लिए द्विपक्षीय समझौते का हवाला दिए जाने को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कोई भी समझौता वियना संधि के प्रावधानों को अनदेखा नहीं कर सकता।
भारतीय वकील साल्वे ने कहा कि जाधव की हिरासत सार्वभौमिक अधिकारों का उल्लंघन है। कानून और न्याय का तकाजा है कि जब भी किसी व्यक्ति के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जाएं तो उनका ठोस आधार होना चाहिए और उचित न्याय प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि राजनयिक भेंट की सुविधा नहीं मिलने के कारण भारत को यह पता नहीं चल सका है कि जाधव किस हालत में है। वियना संधि के अनुसार पाकिस्तान को तीन महीने के अंदर राजनीयिक भेंट की सुविधा देनी चाहिए थी। पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। साल्वे ने न्यायिक पीठ से कहा कि विदेशी नागरिकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए। इस संबंध में विस्तृत अंतरराष्ट्रीय नियमावली है।
उल्लेखनीय है कि 03 मार्च 2016 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान से कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया गया था। इस बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जाधव को पाकिस्तानी एजेंसियों ने ईरान से अपहृत किया था। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकवादी घटनाओं के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में एक सैन्य अदालत में उस पर मुकदमा चलाया गया था, जिसमें उसे अप्रैल-2017 में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी।
भारत ने सजा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में गुहार की थी जिसके बाद सजा पर रोक लगा दी गई थी। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चल रही अंतिम सुनवाई के दौरान भारत ने आज(सोमवार को) अपना पक्ष रखा। मंगलवार को पाकिस्तान अपनी दलील पेश करेगा। भारत को 20 फरवरी को पाकिस्तान की दलीलों का जवाब देने का मौका मिलेगा। अगले दिन इस्लामाबाद सुनवाई के अंतिम दिन अपना पक्ष रखेगा। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की 10 सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। हरीश साल्वे की ओर से दलील पेश किए जाने से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (विधि) दीपक मित्तल ने कहा कि पाकिस्तान एक निर्दोष भारतीय नागरिक के अधिकारों का हनन कर रहा है। आग्रह किया कि वह जाधव के साथ न्याय करे। http://www.satyodaya.com
देश
देश में पहली बार जारी हुआ ‘ NO CASTE, NO RELIGION’ सर्टिफिकेट, अब सिर्फ भारतीय ही कहलाएगी ये महिला…

अब नहीं भरना होगा इस महिला को जाति का कॉलम
जहां एक तरफ देश में जाति और धर्म के भेद-भाव हर दिन नया हंगामा देखने को मिलता है। वहीं देश में पहली बार किसी नागरिक को ‘नो कास्ट, नो रिलीजन’ सर्टिफिकेट जारी किया गया था।ये सुनने में अटपटा जरुर लगेगा पर ये बात सोलह आने सच है।
तमिलनाडू के वेल्लोर जिले के तिरुपत्तूर की रहने वाली 35 वर्षीय वकील स्नेहा ‘नो कास्ट, नो रिलिजन’ सर्टिफिकेट पाने वाली पहली महिला हैं।इस सर्टिफिकेट मिलने के बाद आधिकारिक तौर पर स्नेहा की कोई धर्म, कोई जाति नहीं है। स्नेहा यह प्रमाणपत्र पाने के लिए पिछले नौ सालों से संघर्ष कर रही थीं।
बीती पांच फरवरी को नौ साल के अदालती संघर्ष के बाद 35 वर्षीया स्नेहा ने यह लड़ाई जीती। पेशे से वकील स्नेहा बताती हैं कि जब भी वह फॉर्म भरने के समय जाति और धर्म के बॉक्स के कॉलम को देखती थीं तो उन्हें एहसास होता था कि मेरी पहचान क्या जाति और धर्म से ही है। स्कूल समय से ही स्नेह जाति, धर्म का कॉलम खाली छोड़ देती थीं। उनके हर प्रमाण पत्र में जाति, धर्म रिक्त रहा है। उनका कहना है कि उनकी पहचान सिर्फ भारतीय के रूप में हो।
स्नेहा ने 2010 में अपनी लड़ाई शुरू की थी, लेकिन उनके सभी प्रयास निरर्थक रहे। कारण कि आधिकारिक तौर पर देश में कोई ऐसी मिसाल नहीं होने के आधार पर ठुकरा दिया जाता है। स्नेहा का कहना है कि उनके परिवार ने हमेशा उसके इस निर्णय का समर्थन किया।http://www.satyodaya.com
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