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राजधानी में पहली बार हुआ कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण: डॉ. अशअर अली

लखनऊ। राजधानी के प्रेस क्लब में डॉ अशअर अली ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि चिकित्सा विज्ञान की विकास यात्रा ने जहां कूल्हे के ऑपरेशन जैसे मुश्किल काम को अब आसान कर दिया है। तो वहीं कूल्हे के कई ऑपरेशन असफल होने के बाद भी दोबारा ऑपरेशन करके सफल कूल्हे का प्रत्यारोपण कर मरीज को राहत देना आज भी बहुत आसान नहीं है।
लेकिन घुटना और कूल्हा सहित हड्डी व जोड़ प्रत्यारोपण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ डॉक्टर अशअर अली ने राजाजीपुरम निवासी 52 वर्षीय मरीज मंजू केसरवानी का चार बार असफल ऑपरेशन होने के बाद सफलतापूर्वक एक अत्यंत जटिल रिवीजन कूल्हा प्रत्यारोपण कर डॉ अशअर इतिहास रच दिया है। आपको बता दें कि मुम्बई के ब्रीच कैंडी और लीलावती जैसे बड़े अस्पतालों में हड्डियों व जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ रह चुके डॉक्टर अशअर ने यह कारनामा इंदिरानगर स्थित स्टैनफोर्ड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बीते 15 जून को किया है।
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डॉ. अशअर आगे कहतें है कि जब मरीज को हमने देखा तो कूल्हे के जोड़ की कटोरी वाली हड्डी एसिटाबुलम पूरी तरह से घिसकर खत्म हो चुका था। जिससे मरीज को दर्द और चलने में तकलीफ बनी हुई थी। मरीज को गंभीरता को देखते हुए डॉ. अशअर ने निर्णय लिया और लगभग 7 घंटे चले इस ऑपरेशन में पुराने जोड़े को निकालकर पुरानी बोन सीमेंट को साफ कर अमेरिका से मंगाए गए इंपोर्टेड एसिटाबुलम प्रोट्रिसीओ केज को कूल्हे की से बची हुई हड्डी से जोड़कर कूल्हा प्रत्यारोपण का बेस तैयार किया। फिर इस तैयार बेस पर कूल्हे की कटोरी लगाई। जांग की हड्डी में 10 इंच लम्बा सोलुशन स्टेम लगा कर उस पर कूल्हे का हेड लगा कर बाल और सोकेट जॉइंट तैयार कर दिया।
डॉक्टर के मुताबिक महज एक हफ्ते में ही मरीज बखूबी वाकर से चलने फिरने लगी है और पूरी तरह स्वस्थ है। 6 हफ्ते बाद मरीज बगैर वाकर की चलने लगेगी व एक सामान्य जीवन जी सकेगी। आपको बता दें कि डॉ अशअर अली का कहना है कि इन सब बीमारियों से बचने के लिए हम सही खानपान का उपयोग करें और मोटापे से दूर रहें अपने आप को स्वास्थ्य व फिट रखें।http://WWW.SATYODAYA.COM
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सिविल अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिलने पर मरीज को अपनी गोद में ले जा रहे तीमारदार

लखनऊ। सिविल अस्पताल में मंगलवार को मरीज को लेकर आए एक तीमारदार को स्ट्रेचर के लिए अस्पताल परिसर में इधर से उधर भटकना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि स्ट्रेचर न मिलने पर एक मां अपने बच्चे को नाक में नली और यूरिन थैली के साथ गोद में लेकर सिटी स्कैन कराने अस्पताल पहुंची।
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देखने वाली यह है कि सिविल अस्पताल में क्रिटिकल कंडीशन के मरीजों को भी स्ट्रेचर की सुविधा नहीं मिल पा रही है। तीमारदार अपनी गोद में मरीजों को इलाज के लिए ले जा रहें है, जिससे कि सिविल अस्पताल में अव्यस्थाओं के चलते मरीजों व उनके तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह सब देख ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिविल अस्पताल के डॉक्टरों व अस्कीपताल प्रशासन की मरीज़ों के प्रति संवेदना खत्म होती नजर आ रही है। http://www.satyodaya.com
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दादा मियां के उर्स का आगाज 20 को, एसपी पूर्वी ने सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा

लखनऊ। माल अवेन्यु स्थित शहर की प्रसिद्ध दादा मियां दरगाह पर प्रतिवर्ष लगने वाले उर्स का आगाज बुधवार को होगा। उर्स की सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। चार दिन लगने वाले इस उर्स में प्रदेश भर से जायरीन आते हैं। दादा मियां का 112वां उर्स 20 से 24 नवंबर तक चलेगा। मंगलवार को एसपी पूर्वी सुरेश चंद्रावत ने दरगाह पर पहुंच कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। एसपी पूर्वी ने दादा मियां को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद दरगाह के प्रबंधकों से उर्स संबंधी अन्य जानकारियां भी ली।

दरगाह के सज्जादा नशीन सबाहत हसन शाह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि उर्स में मिलाद शरीफ, तरही मुशायरा, सरकारी चादर, पांचवा आलमी सेमिनार जैसे कार्यक्रम होंगे। सज्जादा नशीन ने बताया कि 24 नवंबर को गुसल शरीफ, गैर तरही मुशायरा के साथ उर्स का समापन होगा। उर्स में कई राजनीतिक हस्तियां भी शामिल होंगी। हर बार की तरह इस बार मजार पर सरकारी चादर लखनऊ के जिलाधिकारी चढ़ाएंगे।

उर्स में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी चादर चढ़ाएंगी। सज्जादा नशीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी न्यौता भेजा गया है। दरगाह के प्रबंधकों ने बताया कि उर्स के लिए प्रशासन की तरफ से हमेशा सहयोग मिलता रहा है। इस बार भी प्रशासन का पूरा सहयोग और मदद मिल रही है। http://www.satyodaya.com
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यूनीसेफ के साथ मिलकर लखनऊ मेट्रो चला रहा है जागरुकता अभियान

लखनऊ: लखनऊ मेट्रो यूनिसेफ के साथ जुड़कर बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और शैक्षिक अधिकारों के बारे में जागरूकता अभियान चला रहा है। हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर एक प्रदर्शनी के साथ-साथ मेट्रो ट्रेनों में बाल अधिकारों के बारे में जागरूकता के लिए वीडियो चलाई जा रही है।

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प्रदर्शनी का अंतिम दिन 20 नवंबर 2019 है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जायेगा। बाल अधिकारों पर कन्वेंशन के बारे में यात्रियों को जागरूक करने के लिए हजरतगंज, विश्व विद्यालय, चारबाग, ट्रांसपोर्ट नगर और भूतनाथ मेट्रो स्टेशन पर पांच फोटो बूथ बनाए गए हैं।http://www.satyodaya.com
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